भारतीय रिज़र्व बैंक
| भारतीय रिज़र्व बैंक Reserve Bank of India | |||
| मुख्यालय | मुम्बई, महाराष्ट्र | ||
|---|---|---|---|
| निर्देशांक | निर्देशांक: 18.932679°N 72.836933°E | ||
| स्थापना | 1 अप्रैल 1935 | ||
| गर्वनर | उर्जित पटेल | ||
| केन्द्रीय बैंक | {{{bank_of}}} | ||
| मुद्रा | भारतीय रुपया (₹) | ||
| आरक्षित | US$363.00 बिलियन[1][2] | ||
| आधार ऋण दर | 6.25%[3] | ||
| आधार जमा दर | 4.00%(बाजार निर्धारित)[4] | ||
| जालस्थल | https://rbi.org.in/ | ||
भारतीय रिजर्व बैंक (अंग्रेज़ी: Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है।
इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया।[5][6][7] प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया।
पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं।[8]
मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। [9]
अनुक्रम
स्थापना[संपादित करें]
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।
रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से बम्बई में स्थानान्तरित कर दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि ब्रिटिश राज के दौरान प्रारम्भ में यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था परन्तु स्वतन्त्र भारत में 1 जनवरी 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उसके बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
प्रमुख कार्य[संपादित करें]
भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किये गये हैं :
- "बैंक नोटों के निर्गम को नियन्त्रित करना, भारत में मौद्रिक स्थायित्व प्राप्त करने की दृष्टि से प्रारक्षित निधि रखना और सामान्यत: देश के हित में मुद्रा व ऋण प्रणाली परिचालित करना।"
- मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना।
- वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना।
- विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना।
- मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना।
- सरकार का बैंकर और बैंकों का बैंकर के रूप में काम करना।
- साख नियन्त्रित करना।
- मुद्रा के लेन देन को नियंत्रित करना
निदेशक मण्डल[संपादित करें]
रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारतीय रिज़र्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। यह नियुक्ति चार वर्षों के लिये होती है।
केन्द्रीय बोर्ड[संपादित करें]
रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। इसका स्वरूप इस प्रकार होता है-
गठन[संपादित करें]
- सरकारी निदेशक
एक पूर्णकालिक गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर।
- गैर सरकारी निदेशक
सरकार द्वारा नामित: विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और एक सरकारी अधिकारी।
अन्य: चार निदेशक - चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक में एक। पहला मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया गया है एनएसडीएल की उपाध्यक्ष सुधा बालाकृष्णन को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का पहला मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा संगठनात्मक बदलाव का हिस्सा है. बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.
चार्टर्ड अकाउंटेट बालाकृष्णन कार्यकारी निदेशक पद की जिम्मेदारी संभालेंगी. पिछले वर्ष मई में सृजित इस नए पद के लिए आरबीआई ने आवेदन मांगे थे. आरबीआई ने कहा था कि सीएफओ का काम केंद्रीय बैंक की वित्तीय सूचना की जानकारी देना होगा. इसके अलावा लेखा नीतियों को तैयार करना और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित भी उसकी जिम्मेदारी होगी.
अभी तक, आरबीआई में वित्तीय कार्यों को संभालने के लिए कोई समर्पित अधिकारी नहीं था और कार्यों को आंतरिक रूप से किया जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि पटेल के पूर्व आरबीआई के गवर्नर रहे रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के लिए मुख्य परिचालन अधिकारी नियुक्त करने का विचार रखा था लेकिन सरकार ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था क्योंकि इसके लिए आरबीआई अधिनियम में बदलाव करना पड़ता।
कार्य[संपादित करें]
बैंक के क्रियाकलापों की देखरेख और निदेशन।
स्थानीय बोर्ड[संपादित करें]
- देश के चार क्षेत्रों - मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई और नई दिल्ली से एक-एक
- सदस्यता :
- प्रत्येक में पांच सदस्य
- केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त
- चार वर्ष की अवधि के लिये
कार्य[संपादित करें]
- स्थानीय मामलों पर केन्द्रीय बोर्ड को सलाह देना।
- स्थानीय, सहकारी तथा धरेलू बैंकों की प्रादेशिक व आर्थिक आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करना।
- केन्द्रीय बोर्ड द्वारा समय-समय सौंपे गये ऐसे अन्य कार्यों का निष्पादन करना।
वित्तीय पर्यवेक्षण[संपादित करें]
रिज़र्व बैंक यह कार्य वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) के दिशानिर्देशों के अनुसार करता है। इस बोर्ड की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की एक समिति के रूप में नवंबर 1994 में की गई थी।
उद्देश्य[संपादित करें]
वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) का प्राथमिक उद्देश्य वाणिज्य बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं सहित वित्तीय क्षेत्र का समेकित पर्यवेक्षण करना है।
गठन[संपादित करें]
इस बोर्ड का गठन केंद्रीय बोर्ड के चार निदेशकों को सहयोजित सदस्य के रूप में दो वर्ष की अवधि के लिए शामिल करके किया गया है तथा गवर्नर इसके अध्यक्ष हैं। रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर इसके पदेन सदस्य हैं। एक उप गवर्नर, सामान्यत: बैंकिंग नियमन और पर्यवेक्षण के प्रभारी उप गवर्नर को बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
बीएफएस की बैठकें[संपादित करें]
बोर्ड की बैठक सामान्यत: महीने में एक बार आयोजित किया जाना आवश्यक है। इस बैठक के दौरान पर्यवेक्षण विभाग द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण रिपोर्ट और पर्यवेक्षण से संबंधित अन्य मामलों पर विचार किया जाता है।
लेखा-परीक्षा उप समिति के माध्यम से बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की सांविधिक लेखा-परीक्षा और आंतरिक लेखा-परीक्षा कायर्यों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी विचार करता है। इस उप लेखा- परीक्षा समिति के अध्यक्ष उप गवर्नर और केंद्रीय बोर्ड के दो निदेशक इसके सदस्य होते हैं।
बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड[संपादित करें]
बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीबीएस), गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) और वित्तीय संस्था प्रभाग (एफआईडी) के कार्य-कलापों का निरीक्षण करता है और नियमन तथा पर्यवेक्षण संबंधी मामलों पर निदेश जारी करता है।
कार्य[संपादित करें]
बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड द्वारा किये गए प्रयत्नों में निम्नलिखित शामिल हैं : i. बैंक निरीक्षण प्रणाली की पुनर्रचना ii. कार्यस्थल से दूर की निगरानी को लागू करना, iii. सांविधिक लेखा परीक्षकों की भूमिका को सुदृढ़ करना और iv. पर्यवटिक्षत संस्थाओं की आंतरिक प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।
वर्तमान लक्ष्य[संपादित करें]
- वित्तीय संस्थाओं का निरीक्षण
- समेकित लेखाकार्य
- बैंक धोखाधड़ी से संबंधित कानूनी मामले
- अनर्जक आस्तियों के निर्धारण में विविधता
- बैंकों के लिए पर्यवेक्षी रेटिंग मॉडल
विधिक ढांचा[संपादित करें]
- सर्वोच्च अधिनियम
- भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 : रिज़र्व बैंक के कार्यों पर नियंत्रण करता है।
- बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 : वित्तीय क्षेत्र पर नियंत्रण करता है।
- विशिष्ट कार्यों को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम
- लोक ऋण अधिनियम, 1944/सरकारी प्रतिभूति अधिनियम (प्रस्तावित): सरकारी ऋण बाज़ार पर नियंत्रण
- प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956: सरकारी प्रतिभूति बाज़ार पर नियंत्रण
- भारतीय सिक्का अधिनियम, 1906 : मुद्रा और सिक्कों पर नियंत्रण
- विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973/विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 : व्यापार और विदेशी मुद्रा बाज़ार पर नियंत्रण
- बैंकिंग परिचालन को नियंत्रित करने वाले अधिनियम
- कंपनी अधिनियम, 1956 : कंपनी के रूप में बैंकों पर नियंत्रण
- बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और अंतरण) अधिनियम 1970/1080 : बैंकों के राष्ट्रीयकरण से संबंधित
- बैंकर बही साक्ष्य अधिनियम, 1891
- बैंकिंग गोपनीयता अधिनियम
- परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881
- अलग-अलग संस्थाओं को नियंत्रित करने वाले अधिनियम
- भारतीय स्टेट बैंक अधिकनयम, 1954
- औद्योगिक विकास बैंक (उपक्रम का अंतरण और निरसन) अधिनियम, 2003
- औद्योगिक वित्त निगम (उपक्रम का अंतरण और निरसन) अधिनियम, 1993
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम
- निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम
प्रमुख कार्य[संपादित करें]
- मौद्रिक प्राधिकारी
- मौद्रिक नीति तैयार करता है, उसका कार्यान्वयन करता है और उसकी निगरानी करता है।
- उद्देश्य : मूल्य स्थिरता बनाए रखना और उत्पादक क्षेत्रों को पर्याप्त ऋण उपलब्धता को सुनिश्चित करना।
- वित्तीय प्रणाली का विनियामक और पर्यवेक्षक
- बैंकिंग परिचालन के लिए विस्तृत मानदंड निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली काम करती है।
- उद्देश्य : प्रणाली में लोगों का विश्वास बनाए रखना, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और आम जनता को किफायती बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधक
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 का प्रबंध करता है।
- उद्देश्य : विदेश व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाना और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार का क्रमिक विकास करना और उसे बनाए रखना।
- मुद्रा जारीकर्ता
- करेंसी जारी करता है और उसका विनिमय करता है अथवा परिचालन के योग्य नहीं रहने पर करेंसी और सिक्कों को नष्ट करता है।
- उद्देश्य : आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोटों और सिक्कों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना।
- विकासात्मक भूमिका
राष्ट्रीय उद्देश्यों की सहायता के लिए व्यापक स्तर पर प्रोत्साहनात्मक कार्य करना।
- संबंधित कार्य
- सरकार का बैंकर : केंद्र और राज्य सरकारों के लिए व्यापारी बैंक की भूमिका अदा करता है; उनके बैंकर का कार्य भी करता है।
- बैंकों के लिए बैंकर : सभी अनुसूचित बैंकों के बैंक खाते रखता है।
सरकार के बैंकर के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका[संपादित करें]
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 20 की शर्तों में रिज़र्व बैंक को केन्द्रीय सरकार की प्राप्तियां और भुगतानों और विनिमय, प्रेषण (रेमिटन्स) और अन्य बैंकिंग गतिविधियां (आपरेशन), जिसमें संघ के लोक ऋण का प्रबंध शामिल है, का उत्तरदायित्व संभालना है। आगे, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 21 के अनुसार रिज़र्व बैंक को भारत में सरकारी कारोबार करने का अधिकार है।
अधिनियम की धारा 21 ए के अनुसार राज्य सरकारों के साथ करार कर भारतीय रिज़र्व बैंक राज्य सरकार के लेन देन कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब तक यह करार सिक्किम सरकार को छोड़कर सभी राज्य सरकारों के साथ किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक, उसके केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूरे भारत में सरकार की ओर से राजस्व संग्रह करने के साथ साथ भुगतान करने के लिए सुसंचालित व्यवस्था की है। भारतीय रिज़र्व बैंक के लोक लेखा विभागों और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 के अंतर्गत नियुक्त एजेंसी बैंकों की शाखाओं का संजाल सरकारी लेनदेन करता है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंक और निजी क्षेत्र की तीन बैंक अर्थात आईसीआईसीआई बैंक लि., एचडीएफसी बैंक लि. और एक्सिस बैंक लि., भारतीय रिज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। केवल एजेंसी बैंकों की प्राधिकृत शाखाएं सरकारी लेनदेन कर सकती हैं।
मुख्य दरें[संपादित करें]
(अद्यतन-अक्टूबर 2015)[10]
- बैंक रेट : 6.25%
- रेपो रेट : 6.00%
- रिवर्स रेपो रेट: 5.75%
- मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी(MSF) रेट: 6.25%
- कैश रिज़र्व रेशो(CRR): 4%
- स्टेच्युटरी लिक्विडिटी रेशो(SLR): 19.50%
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची[संपादित करें]
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची इस प्रकार है:
| क्रमांक | नाम | कार्यकाल |
|---|---|---|
| 1 | सर ओसबोर्न स्मिथ | |
| 2 | सर जेम्स ब्रेड टेलर | |
| 3 | सर सी॰ डी॰ देशमुख | |
| 4 | सर बेनेगल रामा राव | |
| 5 | के॰ जी॰ अम्बेगाओंकर | |
| 6 | एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर | |
| 7 | पी॰ सी॰ भट्टाचार्य | |
| 8 | एल॰ के॰ झा | |
| 9 | बी॰ एन॰ आदरकार | |
| 10 | एस॰ जगन्नाथन | |
| 11 | एन॰ सी॰ सेनगुप्ता | |
| 12 | के॰ आर॰ पुरी | |
| 13 | एम॰ नरसिम्हन | |
| 14 | आई॰ जी॰ पटेल | |
| 15 | डॉ॰ मनमोहन सिंह[11] | |
| 16 | ऐ॰ घोष | |
| 17 | आर॰ एन॰ मल्होत्रा | |
| 18 | एस॰ वेंकटरमनन | |
| 19 | सी॰ रंगराजन | |
| 20 | बिमल जालान | |
| 21 | वाई॰ वी॰ रेड्डी | |
| 22 | डी॰ सुब्बाराव | |
| 23 | रघुराम राजन | |
| 24 | उर्जित पटेल |
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर[संपादित करें]
केन्द्रीय बोर्ड[संपादित करें]
| १. [ |डॉ॰ उर्जित पटेल]] - गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक |
२. श्री आर गांधी - उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ||
३ एस एस मुंदरा -उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || ४ श्री एन.एस. विश्वनाथन-उप गवर्नर भारतीय रिज़र्व बैंक ४ डॉ॰ नचिकेत एम. मोर क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिज़र्व बैंक ५ श्री नटराजन चंद्रशेखरन भारतीय रिज़र्व बैंक || ६ श्री भारत नरोतम दोशी भारतीय रिज़र्व बैंक || ७ [[ श्री सुधीर मांकड]] भारतीय रिज़र्व बैंक || ८ श्री शक्तिकांत दास भारतीय रिज़र्व बैंक || ९ सुश्री अंजुलि चिब दुग्गल भारतीय रिज़र्व बैंक ||
क्षेत्रीय बोर्ड[संपादित करें]
| पश्चिम क्षेत्र | पूर्व क्षेत्र | उत्तर क्षेत्र | दक्षिण क्षेत्र |
|---|---|---|---|
| १. श्री किरण कार्णिक | १. डॉ नचिकेत एम मोर २. सुश्री अनिला कुमारी ३. श्री शरीफ उज़-ज़मान लस्कर | १. श्री अनिल काकोड़कर २. श्री कमल किशोर गुप्ता ३. श्री मिहिर कुमार मोइत्रा ५. श्री ए नवीन भंडारी | १. श्री के सेल्वाराज २. श्री किरण पांडुरंग |
पता[संपादित करें]
| नई दिल्ली |
|---|
| ६, संसद मार्ग, कनॉट प्लेस नई दिल्ली ११०००१ दूरभाष: +९१-(११)-२३७१-०५३८ |
क्षेत्रीय कार्यालय[संपादित करें]
| श्रीनगर | जम्मू | शिमला | चंडीगढ | देहरादून |
|---|---|---|---|---|
| आमीर मंजिल, १-C, राजबाग श्रीनगर १९० ००८ | रेल भवन जम्मू १८० ०१२ | बी-४७८, सेक्टर ४ नया शिमला १७१ ००९ | केन्द्रीय विस्टा, नवीन कार्यालय भवन, दूरभाष भवन के सामने सेक्टर १७, चंडीगढ, १६० ०१७ | ९७, राजपुर मार्ग देहरादून २४८ ००१ |
| जयपुर | लखनऊ | कानपुर | पटना | गंगटोक | गुवाहाटी |
|---|---|---|---|---|---|
| रामबाग चौक, टोंक मार्ग जयपुर ३०२ ००४ | ८-९, विपिन खंड, गोमती नगर लखनऊ २२६ ०१० | पोस्ट बेग न॰ ८२/१४२, एम॰ जी॰ मार्ग कानपुर २०८ ००१ | दक्षिण गाँधी मैदान पटना ८०० ००१ | राजमार्ग - ३१ए गंगटोक ७३७ १०१ | पान बाज़ार, स्टेशन मार्ग गुवाहाटी ७८१ ००१ |
| अगरतला | रांची | कोलकाता | भुवनेश्वर |
|---|---|---|---|
| पुराना म्युनिसिपलिटी मार्ग, दूसरी मंजिल, जेक्सन गेट भवन त्रिपुरा पश्चिम, अगरतला | आर॰ आर॰ डी॰ ए॰ भवन, प्रगति सदन, चौथी मंजिल कचहरी मार्ग, रांची ८३४ ००१ | १५, नेताजी सुभाष मार्ग कोलकाता ७०० ००१ | पं॰ जवाहर लाल नेहरू मार्ग, पोस्ट बेग न॰ १६ भुवनेश्वर ७५१ ००१ |
| रायपुर | भोपाल | अहमदाबाद | नागपुर | बेलापुर |
|---|---|---|---|---|
| सुभाशिष परिसर, सत्य प्रेम विहार सुंदर नगर, रायपुर ४९२ ०१३ | होशंगाबाद मार्ग, पोस्ट बेग न॰ ३२ भोपाल ४६२ ०११ | गाँधी पुल के पास, अहमदाबाद | डॉ राघवेन्द्र राव मार्ग, सिविल लाइन्स पोस्ट बेग न॰ १५, नागपुर ४४० ००१ | सेक्टर १०, प्लॉट २, तीसरी मंजिल सीबीडी बेलापुर, नवी मुंबई ४०० ६१४ |
| मुंबई | हैदराबाद | पणजी | बंगलूरु |
|---|---|---|---|
| फोर्ट मुंबई ४०० ००१ | ६-१-५६, सचिवालय मार्ग, सैफाबाद हैदराबाद ५०० ००४ | ३ ए/बी, सेसा घर, तीसरी मंजिल, ईडीसी कॉम्प्लेक्स पट्टो, पणजी ४०३ ००१ | १०/३/८, नृपाथुंग मार्ग पोस्ट बेग न॰ ५४६७, बंगलूरु ५६० ००१ |
| चेन्नई | कोच्चि | तिरुवनंतपुरम |
|---|---|---|
| फोर्ट ग्लेसिस, राजाजी सलाई चेन्नई ६०० ००१ | उत्तर एर्णाकुलम कोच्चि ६८२ ०१८ | बेकरी जंक्शन तिरुवनंतपुरम ६९५ ०३३ |
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